गीले कचरे से बनेगी सीएनजी, बैरिया और बाजार समिति में लगेंगे प्लांट; 20 करोड़ होंगे खर्च

कचरे से सीएनजी बनाने के लिए बाजार समिति में 20 टन और रामाचक बैरिया में 50 टन क्षमता का प्लांट लगेगा। 20 टन का प्लांट लगाने में 8 करोड़ और 50 टन के प्लांट पर 12 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यहां बनने वाली सीएनजी को सरकार 46.50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीदेगी। नगर निगम ने अपनी सभी गाड़ियों को सीएनजी में कन्वर्ट कराने का निर्णय लिया है।

इन गाड़ियों में भी इसका उपयोग हो सकेगा। 75 फीसदी तक प्योर गीला कचरा देने पर प्लांट लगाने वाली एजेंसी नगर निगम को 200 रुपए प्रति टन के हिसाब से राशि देगी। गुरुवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। बोर्ड की करीब छह माह बाद हुई बैठक में राजधानी को कचरामुक्त बनाने पर विचार किया गया।

बोर्ड ने प्रस्तावों को बिना किसी बहस के पास कर दिया। मेयर सीता साहू ने कहा कि निगम प्रशासन के स्तर पर तमाम योजनाओं को पूरा कराने पर जोर दिया जाएगा। इससे पहले नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में हमारा स्थान 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में आखिरी स्थान पर रहा। इसका कारण यह है कि कचरा प्रबंधन के लिए कोई भी योजना अबतक गंभीरता से शुरू नहीं की जा सकी है। इसलिए अब कचरे से सीएनजी प्लांट लगाने की योजना तैयार की गई है।

होटलों व समारोह स्थलों को बनाना होगा कंपोस्ट प्लांट

निगम प्रशासन ने बड़े होटल, रेस्टोरेंट, समारोह स्थल, विवाह भवन आदि को चिह्नित करना शुरू किया है, जहां से 20 किलो से अधिक गीले कचरा का उत्सर्जन होता है। ऐसे तमाम स्थलों को अपने यहां कंपोस्ट प्लांट लगाने होंगे। फल-सब्जी बाजारों में भी इलेक्ट्रिक ऑपरेटेड कंपोस्ट प्लांट लगाने की योजना है। इसमें गीला कचरा को 24 घंटे में कंपोस्ट में बदल दिया जाएगा।

सरकार 46.50 रुपए प्रति किलो खरीदेगी सीएनजी

रामाचक बैरिया स्थित कूड़ा प्वाइंट को पूरी तरह खाली कराया जाएगा। पहले कूड़े को समतल किया जाएगा। इसके बाद ट्रैक्टर चलाकर और टर्माइल मशीन से वहां जमा कूड़ा अलग-अलग किया जाएगा। कूड़ा से मिट्टी और प्लास्टिक कचरा अलग हो जाएगा। जूते-चप्पल अलग हो जाएंगे। इस पर करीब 35 करोड़ रुपए खर्च होंगे। मिट्टी, प्लास्टिक आदि बेचकर नगर निगम 10 से 12 करोड़ रुपए की उगाही कर सकता है। इस प्रकार करीब 24 करोड़ रुपए निगम की ओर से खर्च होंगे। नगर आयुक्त ने कहा कि इस योजना से रामाचक बैरिया के 72 एकड़ कूड़ा प्वाइंट वाले भू-भाग को पूरी तरह से साफ करा दिया जाएगा।

पीआर एजेंसी बदलेगी निगम की छवि

अपनी छवि को बदलने के लिए निगम प्रशासन ने पीआर एजेंसी हायर करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा निगम की योजनाओं के बारे में भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। इस योजना पर करीब ढाई लाख रुपए मासिक खर्च हाेंगे। साथ ही, निगम स्वच्छता या अतिक्रमण की शिकायत पर कार्रवाई के लिए विशेष टीम का गठन करेगा। अंचल स्तर पर एक जीप रहेगी। इस जीप पर एक ही तरह के ड्रेस में तैनात कर्मी स्थान पर जाकर कार्रवाई करेंगे, वे वायरलेस सेट भी लैस होंगे।

दक्षिणी पटना में नाला निर्माण की विस्तृत योजना

दक्षिणी पटना काे जलजमाव से निजात दिलाने के लिए नाला निर्माण की विस्तृत योजना बनेगी। बैठक में इस मुद्दे पर जोरदार बहस हुई। नगर आयुक्त ने कहा कि पार्षदों से प्रस्ताव मांगा जाएगा। इन प्रस्तावों के आधार पर योजना तैयार कर बोर्ड की अगली बैठक में लाया जाएगा। निगम कर्मचारियों को सरकारी कर्मियों की तरह कोरोना महामारी को देखते हुए बोनस देने और कोरोना संक्रमण से मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को 10 लाख का मुआवजा देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। कोरोना से मौत होने पर पार्षदों को सरकार की ओर से मिलने वाले 5 लाख रुपए के साथ-साथ निगम मद से 5 लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा।

मौर्यालोक कॉम्प्लेक्स में बनेगी मल्टीलेवल पार्किंग

बैठक में मौर्यालोक कॉम्प्लेक्स में वेंडरों के लिए स्थान आवंटित करने का प्रस्ताव लाया गया। इसका विरोध पार्षदों ने किया। उनका कहना था कि पूर्व नगर आयुक्त ने इन दुकानों को वाहनों के लिए जगह नहीं रहने के कारण तोड़वाया था। निर्णय लिया गया कि वाहनों को लगाने के लिए प्रस्तावित मल्टीलेवल पार्किंग योजना के आधार पर ही आवंटन के प्रस्ताव को लागू किया जाएगा।

कर्मियों के लिए एजेंसी का पैनल बनाने का विराेध

कर्मचारियों के लिए एजेंसी का पैनल बनाए जाने के प्रस्ताव पर भी पार्षद गरमा गए। विनय पप्पू ने कहा कि मेयर आउटसोर्सिंग मामले को लेकर हाइकोर्ट गई हैं। ऐसे में एजेंसी के जरिए कर्मियों को क्यों रखा जा रहा है? इस पर नगर आयुक्त ने साफ किया कि 4300 दैनिक कर्मचारियों को लेकर कोई संशय नहीं है। निगम में अभी कुछ एजेंसियों का वर्चस्व है। इसलिए पैनल में अन्य एजेंसियों को रखा जाएगा, ताकि जरूरत पड़ने पर उनसे कर्मियों की उपलब्धता कराई जा सके।

इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर

  • कचरा संग्रहण शुल्क की होल्डिंग टैक्स के साथ वसूली हाेगी।
  • शौचालयों को शुरू करने के लिए एजेंसी का चयन हाेगा।
  • सड़क के जीर्णोद्धार के लिए 10 करोड़ राशि जल्द जारी हाेगी।
  • वार्ड 70 में नंदटोला घाट पर विद्युत शवदाहगृह बनेगा।
  • 68 वाहन पार्किंग व सैरातों की बंदोबस्ती अब तीन वर्षों के लिए हाेगी।
  • एप बेस्ड ई-साइकिल स्टैंड के निर्माण के लिए निगम जमीन देगा। राशि खर्च नहीं करेगा।
  • तीन कनीय अभियंता काे सहायक अभियंता पद पर प्रोन्नति मिलेगी।
  • गर्दनीबाग सेकेंड्री कूड़ा प्वाइंट में 1.76 करोड़ की लागत से पीसीसी निर्माण हाेगा। 10 दिनों में बकरी बाजार साफ हाेगा।
  • चार परामर्शदाता की नियुक्ति हाेगी। {पांच मलीन बस्तियों में सेनेटरी नैपकिन बनाने की मशीन लगेगी।
  • प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिट के लिए रामाचक बैरिया में एजेंसी को 12 डिसमिल जमीन दी जाएगी।
  • वाहनों के लिए टायर, ट्यूब व बैट्री और अन्य सामग्रियों की मुख्यालय के स्तर से दर निर्धारण हाेगा।


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मेयर ने कहा कि निगम प्रशासन के स्तर पर तमाम योजनाओं को पूरा कराने पर जोर दिया जाएगा।


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