खरीदी गयी बिजली के बकाया भुगतान के लिए बिहार की बिजली कंपनी केंद्रीय एजेंसियों से 3500 करोड़ ऋण लेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने गारंटी दे दी है। कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है। राज्य की दोनों बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां राज्य सरकार की गारंटी पर पावर फाइनेंस काॅरपोरेशन (पीएफसी) और रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन काॅरपोरेशन (आरईसी) से ऋण लेंगी। यह ऋण वर्किंग कैपिटल लोन के रूप में उसे मिलेगा।
कोरोना और लाॅकडाउन के तहत बिजली शुल्क वसूली में कमी के कारण बिजली कंपनियों को काफी परेशानी हाे रही है। खासकर बाहर से खरीदी गई बिजली के बकाया भुगतान में। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने लिकविडिटी इंफ्यूजन स्कीम के तहत इन एजेंसियों से ऋण लेने की योजना को मंजूरी दी थी। इसमें सस्ती दर पर बिजली कंपनी को आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है।
ऊर्जा विभाग के अनुसार नाॅर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को 1260 करोड़ और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को 2240 करोड़ रुपए ऋण लेने की स्वीकृति दी गई है।
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