बेला इंडस्ट्रियल एरिया के उद्यमियों के सहारा बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (बियाडा) खुद काले पानी का तालाब बना हुआ है। इसके बेला स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के कई कक्षाें में एक-डेढ़ फीट तक पानी जमा है। परेशान बियाडा के अधिकारियों को नीचे से पहली मजिल पर शरण लेनी पड़ी है। जहां पर न तो सही से टेबल-कुर्सी लगी है, न फाइल रखने की जगह है। अन्य सामान बरामदे पर ही पड़े हैं। फर्नीचर आदि पानी में ही छोड़ दिए गए हैं। अब तक लाखों का नुकसान हाे चुका है।
बियाडा अधिकारियाें ने बताया, पहली मंजिल पर काफी समय से काेई काम नहीं हाे रहा था। इसलिए बिजली के तार भी बेतरतीब तरीके से झूल रहे हैं। बगैर संसाधन के बीच अधिकारी-कर्मियों काे जहां भी जगह मिली है, वहीं कंप्यूटर और लैपटॉप पर काम शुरू कर दिया हैं। यूं ताे बियाडा कार्यालय जमीन से ऊंचा है, लेकिन औद्योगिक परिसर में जलजमाव से कार्यालय की सतह और दीवारों से रिसकर नाले का पानी कार्यालय के कक्षाें में भी जमा हो गया है।
हमारा नुकसान कौन भरेगा : उद्यमी संघ
उद्यमियों ने बियाडा प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए पीड़ा जाहिर की है। उत्तर बिहार उद्यमी संघ के सचिव विक्रम कुमार ने कहा, इस साल कारोबार चौपट हो गया। पहले कोरोना, फिर जलजमाव से नुकसान हुआ है। लघु उद्योग भारती के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्याम भीमसेरिया ने कहा, बियाडा कार्यालय डूबा तो नया भवन बन जाएगा, लेकिन जो उद्यमी बियाडा के सहारे हैं उन्हें हुए लाखों के नुकसान की भरपाई कौन करेगा?
जलनिकासी के लिए लगातार हाई पंप चलाया जा रहा है। खुद बियाडा कार्यालय में रिस कर जलजमाव हो गया है। अब नया भवन बनेगा। शहर का पानी आने से बियाडा को परेशानी है। इसका स्थाई निदान करना होगा। -अजय सिन्हा, विकास अधिकारी, बियाडा।
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