चिराग कहां थे, कहां हैं और खुद को कहां देखना चाहते हैं

कल : बॉलीवुड की ओर

चिराग पासवान... यह 2010 से थोड़ा पहले का दौर था, जब कंप्यूटर इंजीनियर चिराग, बॉलीवुड का रुख कर चुके थे। 2011 में कंगना के साथ उनकी फिल्म ‘मिले ना मिले हम’ रिलीज हुई। हीरो के रूप में लाॅन्चिंग के हिसाब से यह बॉक्स ऑफिस पर वैसा नहीं कर पाई, जिसकी उम्मीद थी।

आज : लाेजपा अध्यक्ष

चिराग, लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। पिता के घोषित सियासी उत्तराधिकारी। पार्टी ने उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री पद के लिए फिट कैंडिडेट बताया हुआ है। बॉक्स ऑफिस से उबने के बाद चिराग ने पॉलिटिक्स का रुख किया। 2014 में जमुई से सीधे लोकसभा पहुंच गए। 2019 का लोकसभा चुनाव भी जीता।

20 साल बाद...

समय के अनुसार राजनीतिक परिपक्वता और फैलाव के हिसाब से देखा जाए तो 20 साल के बाद चिराग, खुद को देश का नेतृत्व करने वाले प्रमुख चेहरे के रूप में देखेंगे। खासकर दलित राजनीति और इसके उभार की उनकी पारिवारिक थाती, इसके वास्ते उनको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।



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