कांग्रेस बोली- किसानों को एमएसपी कैसे मिलेगा, कौन देगा, बताएं पीएम; भाजपा ने कहा- विधेयक से बिचौलियों के संरक्षक परेशान

कांग्रेस ने कृषि बिल को काला कानून बताते हुए पीएम और बिहार के सीएम से पूछा है कि एपीएमसी खत्म हो जाने के बाद किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कैसे मिलेगा, कहां मिलेगा और कौन देगा? क्या एफसीआई 15.5 करोड़ किसानों के खेत से एमएसपी पर उनकी फसल खरीदेगी? बड़ी-बड़ी कंपनियों को एमएसपी पर फसल खरीदने की गारंटी कौन देगा? एमएसपी पर फसल न खरीदने पर क्या सजा होगी?

एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, छतीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री टीएस सिंह देव, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और सीएलपी लीडर सदानंद सिंह ने संयुक्त प्रेस काॅन्फ्रेंस में कहा कि पीएम मोदी इनमें से किसी बात का जवाब नहीं देते हैं। उन्होंने पीएम और सीएम दोनों पर किसान, खेत मजदूर विरोधी और पूंजीपतियों का साथी होने का आरोप लगाया। नीतीश कुमार स सुरजेवाला ने कहा कि कृषि बिल में एमएसपी गारंटी लिखवाएं, नहीं तो भाजपा से अलग हो जाएं।

आंदाेलन की विस्तृत रूपरेखा बनाएंगे

वहीं गोहिल ने कहा- बिहार में उनकी सरकार बनी तो एमएसपी गारंटी एक्ट लागू करेंगे। 26 और 27 सितंबर को कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय और दोनों सदस्य देवेंद्र यादव एवं काजी निजामुद्दीन पटना में रहेंगे। बिहार के नेताओं के साथ कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन की विस्तृत रूपरेखा बनाएंगे। 28 सितंबर को राजभवन मार्च होगा और राष्ट्रपति के नाम कृषि बिल को वापस लेने का ज्ञापन सौंपा जाएगा।

प्रेम कुमार ने किया पलटवार: कहा- विपक्ष किसानों को भड़काने की कोशिश कर रहा

कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर विपक्ष किसानों को भड़काने की कोशिश कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा है कि पूरे देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था जारी रहेगी, इसमें कोई बदलाव नहीं हाेगा। कई फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है। ऐसे में भ्रम फैलाने का क्या मतलब है? दरअसल, बिचौलियों के संरक्षक इससे परेशान हैं। उनकी दुकानदारी बंद होने वाली है।

उन्हाेंने कहा कि इन विधेयकों के पास होने से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक तकनीकी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे। न्यूनतम समर्थन मूल्य और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। एक देश एक बाजार की नीति के तहत किसानों को अपने फसल के भंडार और बिक्री की आजादी मिलेगी। वे बिचौलियों के चंगुल से मुक्त होंगे। किसान अब अपनी मर्जी के मालिक होंगे। इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल व मीडिया प्रभारी अशोक भट्ट भी मौजूद थे।



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मीडिया से मुखातिब रणदीप सिंह सुरजेवाला व शक्ति सिंह गोहिल।


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